दौड़-ए-ज़िन्दगी
दौड़-ए-ज़िन्दगी
करके पूरी तैयारी निकले ज़िन्दगी के सफर में हम
साथ रखते ख़ुशियों को छोड़ देते हर ग़म
माना मंज़िल तय करने में थोड़ी देर लगेगी
शायद हर मोड़ पर मुश्किलें पीछा करेंगी
लेगी रास्ते इम्तिहां क्योंकि ज़िन्दगी आसान कहाँ
पर ज़िद है हमारी हम भी पहुँचेंगे, हमें जाना है जहाँ
पर हौसला और जीतने की चाह है जब तक
न रुकेंगे, न थकेंगे और न झुकेंगे हम तब तक
दौड़ ए ज़िन्दगी हम जीत कर ही रहेंगे
फतेह करेंगे हर मंज़िल, हर तकलीफ़ सहेंगे
