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Himanshu Jaiswal

Abstract Romance

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Himanshu Jaiswal

Abstract Romance

तू मिले दिल खिले-क्रिमिनल

तू मिले दिल खिले-क्रिमिनल

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तुम ही हो हाँ तुम ही हो

सारी दुनिया मेरी जानेजाँ

मेरी हर सांस तेरी, दिन रात तेरे

मेरा कुछ नहीं है मेरा

मेरी हर सांस तेरी, दिन रात तेरे

मेरा कुछ नहीं है मेरा

तेरे होने से ही मैं हूं 

तुम बिन क्या जीना यारा

तुमसे ही हाँ तुमसे ही 

सारी दुनिया मेरी जानेजाँ


पाकर तुझे ओ.. ओ.. ओ...पाई मैंने दुनिया सारी है

तुझ बिन सनम ओ .. ओ..एक पल भी जीना भारी है

बहता हुआ दरिया है तू-2

ठहरा हुआ सा मैं जैसे कोई किनारा

तुम ही हो हाँ तुम ही हो

सारी दुनिया मेरी जानेजाँ


हरपल मुझे ओ.. ओ.. तेरी बस तेरी जरूरत है

सांसों से भी ओ.. ओ..ज्यादा मुझको तेरी चाहत है

तुझको ही बस देखा करूँ-2

जो न संग मेरे तू हो फिर मुझको मरना गवाँरा


तुम ही हो हाँ तुम ही हो

सारी दुनिया मेरी जानेजाँ।


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