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Veena Mishra ( Ratna )

Inspirational

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Veena Mishra ( Ratna )

Inspirational

कर्म प्रधान

कर्म प्रधान

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गति से हुई सृष्टि उतपन्न,

दिन रात का भी यही चलन।

तू भी चल अविचल, अनवरत,

जीवन होता ही कर्म प्रधान।


धरती पर बन कर आया तू इंसान,

सुन बंदे इसे न कर व्यर्थ।

मनुष्य जन्म कहलाए हीरा जन्म,

हिम्मत और सुकर्म का सुंदर संगम।


बस सोच के छूना है आसमान,

शुरुआत हो चाहे एक बौनी सी उड़ान।

कर ले कुछ नया सृजन,

दौलत नहीं, कर नाम का अर्जन।


धन का नहीं है कोई मोल,

यश तो चले सदा अनंत।

बस सोच के छूना है आसमान,

शुरुआत हो चाहे एक बौनी सी उडा़न।


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