मृत्यु का भार सहोगे अब कैसे फसलों को भी सिंचोगे। मृत्यु का भार सहोगे अब कैसे फसलों को भी सिंचोगे।
मेरे कृष्ण मेरी नैय्या पार लगा देना, मुझे इस प्रपंच से इक बार तो बचा लेना। मेरे कृष्ण मेरी नैय्या पार लगा देना, मुझे इस प्रपंच से इक बार तो बचा लेना।
भाग्य के पौधे में डाल मेहनत का पानी, दुनिया होगी तेरे उपलब्धियों की दीवानी, भाग्य के पौधे में डाल मेहनत का पानी, दुनिया होगी तेरे उपलब्धियों की दीवानी,
फल भी कच्चे से पकने तक कुदरत की प्रतीक्षा ही करता। फल भी कच्चे से पकने तक कुदरत की प्रतीक्षा ही करता।
सुख दुख दोनों भाई और बहन हैं सुख दुख दोनों भाई और बहन हैं
इर्द गिर्द घूमती तेरी विरह का कैसा ये आया इम्तहान है। इर्द गिर्द घूमती तेरी विरह का कैसा ये आया इम्तहान है।