मेरी जेब
मेरी जेब
सिक्कों की खनक नहीं है तो क्या,
जेब मेरी आज फटी है तो क्या।
मगर कम नहीं मेरा हौसला,
रुपैया ही नहीं सबसे बड़ा।
किस्मत से मैं लेकर लोहा,
स्याह मिटा, लाऊँगा नया सबेरा।
जेब मेरी आज फटी है तो क्या।
जिंदगी थोड़ी कड़ी है तो क्या,
मेहनत को हमसफ़र जब बना लिया,
दौलत भला अब चीज है क्या।
फटी जेब का भेद है मिटाना,
हीरे सा मुझको है चमकना।