क्या हुआ अगर जेब हो तेरी तंग खुशियाँ देने से मिलती चल भरले नयी उमंग। क्या हुआ अगर जेब हो तेरी तंग खुशियाँ देने से मिलती चल भरले नयी उमंग।
जिसे प्रेम कहूँ या चाहत- सोचो कैसे उर क्या नाम दूं तेरा। जिसे प्रेम कहूँ या चाहत- सोचो कैसे उर क्या नाम दूं तेरा।
ऐसे शख्स का इंतजार जो सुनता मेरी पुकार मदद करके फंस ऐसे शख्स का इंतजार जो सुनता मेरी पुकार मदद करके फंस
इस रस्म को भी पूरा करने में कोई भी टोके ना। इस रस्म को भी पूरा करने में कोई भी टोके ना।
ससुराल से लौटते वक़्त ससुर जी ने, शगुन के तौर पर कुछ पैसे दिए ससुराल से लौटते वक़्त ससुर जी ने, शगुन के तौर पर कुछ पैसे दिए
खाते-पीते घर का हूँ, तेरी मौज कर दूँ मैं। खाते-पीते घर का हूँ, तेरी मौज कर दूँ मैं।