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Dr Manisha Sharma

Inspirational

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Dr Manisha Sharma

Inspirational

आत्मशक्ति

आत्मशक्ति

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आसमां ऊँचा था

छोटा सा परवाज़


नन्हे नन्हे पँखों की

नन्ही सी आवाज़


लक्ष्य दूर था 

नन्हा पंछी 

थक के चूर था


जोश मगर था मन में

रुकना ना जीवन में


ठान रखा था उसने

है हिम्मत तो जीत मिलेगी

मान रखा था जिसने


बढ़ता जाता नन्हा पंछी

विस्तृत नील गगन में

अपने पंखों को फैलाकर

जैसे फूल चमन में


आसमान को भी फिर जैसे

उस पर प्रेम हो आया 

बाँह पसारे गले लगाने

ख़ुद वो नीचे आया


थक तो जाते हैं वो पंछी

जिनमें आस नहीं हो

अपने मन की शक्ति पर

जिनको विश्वास नहीं हो


बूँद बूँद से सागर बनता

कंकर कंकर चट्टान

ऊँची मंजिल भी पाती हैं

छोटी छोटी उड़ान


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