वादा है कविता का कवि से मैं तुम्हें गिरने नहीं दूँगी। वादा है कविता का कवि से मैं तुम्हें गिरने नहीं दूँगी।
ईश्वर रमता है कण-कण में हर मौसम की जीत अनोखी। ईश्वर रमता है कण-कण में हर मौसम की जीत अनोखी।
रँगा था मैंने काग़ज़ हमारे एहसास का इत्र सा महकता रँगा था मैंने काग़ज़ हमारे एहसास का इत्र सा महकता
पर मुफलिसी में "अना " जैसी बन्दिशें थीं कई। पर मुफलिसी में "अना " जैसी बन्दिशें थीं कई।
सियासत भी कुछ कम नहीं दोनों के दरम्यान, मैं बिहारी हूं मुंबई का ताज है वो लड़की। सियासत भी कुछ कम नहीं दोनों के दरम्यान, मैं बिहारी हूं मुंबई का ताज है वो लड़...
फरियादों को मेरे, नवाज़ तुम हो, मेरे सभी सवालों का, जवाब तुम हो। फरियादों को मेरे, नवाज़ तुम हो, मेरे सभी सवालों का, जवाब तुम हो।