वो लड़की
वो लड़की
मेरी कश्मकश का इलाज है वो लड़की,
मै ग़ज़ल हूं तो फिर फ़राज़ है वो लड़की,
मेरी खामोशी पर कोई सवाल न करो,
मैं गूंगा नहीं हूं मेरी आवाज है वो लड़की,
मैं उड़ ना सकू तो मेरे पर काट दिए तुमने,
अरे इस परिंदे का भी परवाज़ है वो लड़की,
मेरी मुस्कुराहट की कोई वजह ना पूछो,
मेरी मुस्कुराहट का भी राज है वो लड़की,
सियासत भी कुछ कम नहीं दोनों के दरम्यान,
मैं बिहारी हूं मुंबई का ताज है वो लड़की।
