तेरी आंखे
तेरी आंखे
दिन के उजाले में ख्वाब दिखाती है तेरी आंखें,
मेरी खामोशी को भी जताती है तेरी आंखें,
मोती उतर जाता है उस तालाब में,
जब भी उसको निहारती है तेरी आंखें,
जगनुओं में हलचल सी मच जाती है अंधेरे में,
जब उसका दीदार करती है तेरी आंखे,
मेरी बात होती है अक्सर इन आंखों से,
हां सच में बात करती है तेरी आंखे,
मैं देखता हूं बड़ी उम्मीद से उन आंखों को,
करती है क्या क्या कमाल तेरी आंखें।
