STORYMIRROR

Kusum Joshi

Inspirational

3  

Kusum Joshi

Inspirational

कोसों चलना बाकी है

कोसों चलना बाकी है

1 min
11.8K

कुछ ही कदम चले हैं अब तक,

कोसों चलना बाकी है,

पर हमने फैला लिए,

बस दूर निकलना बाकी है।


एक छलांग लगाकर हम भी,

आसमान की तरफ बढ़े,

आसमान की सीमा से अब,

परे निकलना बाकी है।


धीरे धीरे चल रहे हैं,

मंद मंद रफ़्तार से,

तोड़ बेड़ियाँ बंधन अब बस,

गति पकड़ना बाकी है।


कुछ ही कदम चले हैं अब तक,

कोसों चलना बाकी है,

पर हमने फैला लिए,

बस दूर निकलना बाकी है।


बाधाएं आती हैं आएं,

ग़म बादल बन कर छा जाएं,

लहरों में तूफ़ान बड़े हों,

नौकाएं चाहे डगमगाएँ।


इन तूफानों के भय बंधन को,

तोड़ निकलना बाकी है,

मंज़िल है स्पष्ट हमारी,

राह पकड़ना बाकी है।


कुछ ही कदम चले हैं अब तक,

कोसों चलना बाकी है,

पर हमने फैला लिए,

बस दूर निकलना बाकी है।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational