तूफ़ानों को ललकार दो
तूफ़ानों को ललकार दो
उठो चलो ललकार दो,
तूफ़ानों को हार दो,
जीत ना पाएं ये फ़िर तुमसे,
ख़ुद को ऐसा हथियार दो,
जिस राह पर चल पड़ो,
जय जयकार तुम्हारी हो,
यहां दुखी ना कोई हो,
सबको ऐसा आधार दो,
दुश्मन भी थर थर कांपे तुमसे,
जीत पर अधिकार करो,
उठो चलो अपने पदचिह्नों की,
भारत को पहचान दो,
सिंह की तरह हुंकार भरो,
बाधाओं को पार करो,
जीतते चलो हर मुश्किल को,
कठिनाइयों को मात दो,
वीरों की इस पुण्यभूमि पर,
पुनः वीरता का आह्वाहन करो,
जीतकर हर कठिन परीक्षा,
गौरवान्वित हर रात करो,
उठो चलो राह को पार करो,
कठिनाइयों पर वार करो,
अपना भारत विश्वगुरु है,
विश्वगुरु पर अभिमान करो,
उठो चलो जीत का दम्भ भरो,
भारत की आवाज़ बनो,
जो भारत को रोकने आए,
उस पर भारत की छाप धरो,
नए भारत का निर्माण करो,
नए भारत का आह्वाहन करो,
उठो चलो ललकार दो,
तूफानों को हार दो।