मैं इंसान से पत्थर हो जाना भी सीख़ रहा हूँ। मैं इंसान से पत्थर हो जाना भी सीख़ रहा हूँ।
गीत के बंद हो, पद्य हों, छंद हों, सारे तुमसे शुरू हो, निखरने लगे। गीत के बंद हो, पद्य हों, छंद हों, सारे तुमसे शुरू हो, निखरने लगे।
छोड़ दो तुम मोहब्बत करना अब ये तुम्हारे बस की बात नहीं छोड़ दो तुम मोहब्बत करना अब ये तुम्हारे बस की बात नहीं
खुद पर ही विश्वास है रखना यही संकल्प लेकर है रखना। खुद पर ही विश्वास है रखना यही संकल्प लेकर है रखना।
पिंजरे सब टूट जायेंगे जज्बे को कौन तोड़ सकता है ? पिंजरे सब टूट जायेंगे जज्बे को कौन तोड़ सकता है ?
एक दिन जरूर दिखाता है सब को असली रूप। एक दिन जरूर दिखाता है सब को असली रूप।