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Neetu Lahoty

Drama

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Neetu Lahoty

Drama

पत्थर हो जाना सीख़ रहा हूँ

पत्थर हो जाना सीख़ रहा हूँ

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मन को वश में करना सीख़ रहा हूँ

मैं खुद को पढ़ना सीख़ रहा हूँ। 


आसान नहीं होता,

खुद को खुद से ही जीतना, 

मैं ये भी हुनर सीख़ रहा हूँ।


आहिस्ता-आहिस्ता

बदल रहा हूँ खुद को,

खुद से ही लड़ना सीख़ रहा हूँ। 


मैं इंसान से पत्थर हो जाना

भी सीख़ रहा हूँ।


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