नकली चेहरा
नकली चेहरा
चेहरा
असली,
नक़ाब
नकली,
लेकिन
दोनों
के रिश्ते
मधुर
एक दूसरे को ,
बखूबी
जानते है,
पहचानते है
एक दूसरे को,
पेश
करते है,
जिस रूप
में चाहे
लेकिन,
समय आने
पर,
ये
एक दूसरे
की गवाही
भी देते
है
फिर ,
एक दूसरे के
दुश्मन
हो जाते है
सत्य को झूठ
झूठ को सच
बेईमान को ईमानदार
ईमानदार को बेईमान
गम को ख़ुशी
ख़ुशी को गम में
इसी तरह के
कई बिरोधी तत्वों को
जब चाहे उलट दे
अपने को सही
वक्त पर
पासा ही पलट दे
लेकिन
जब समय
इन्हें
पलटता है
दोनों के
अस्तित्व का
लेखा
अलग करता है
तब ये
समय के आगे
हाथ जोड़
गिड़गिड़ाते है
घड़ियाली
आँसू
बहाते है
अनजान
बनने की
फिराक में
चिल्लाते है
समय के आगे
किसी का नहीं
वश
सभी समय के
परवश
समय सब को
एक दिन जरूर
दिखाता है
सब को असली रूप।