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Chhabiram YADAV

Inspirational Others

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Chhabiram YADAV

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उम्मीद

उम्मीद

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उम्मीदों का सूरज निकलने वाला है

मन का भरम भी अब टूटने वाला है

कोसता क्यूँ मन को चल कदम बढ़ा

तम को भगाने सवेरा आने वाला है


अब उम्मीदों का आस न छोड़ो

निज मन का विश्वास न तोड़ो

मुठ्ठी में कैद है मंजिल तुम्हारी

चलते रहो पर राह न मोड़ो


निज उम्मीदों के पंख पसारे 

अपने जीवन में तुम प्यारे

छू जाना तुम आसमान को

बिना कभी भी हिम्मत हारे।


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