Chhabiram YADAV
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होली आई होली आई
गाँव गली में खुशियां छाई,
देखो मोनू देखो छोटू
धरती ने भी फ़ाग मनाई,
लिए अबीर बच्चों की टोली
मिल जुल कर ही रहना भाई,
मन में द्वेष तनिक भी जो है
चलो उसे मिटाने भाई,
एक दूसरे को गले लगाकर
सबको दे खूब बधाई,
होली आई होली आई।
होली की वेदना
होली आई
नीर का पीर
उम्मीद
हँसना मना नही...
खुदगर्जी
नकली चेहरा
चीखती ख़ामोशी
गजल
समय की मार