कविता ,मुक्तक ,लघु कथा, ,लिखता हूँ ,साहित्य सेवा ही जीवन का लक्ष्य है
Share with friendsअब मीना अपने सपनो से निकलकर हकीकत की जिंदगी जीने लगी थी।
Submitted on 20 Apr, 2020 at 05:31 AM
अब तक मीना दो बेटियो की माँ बन चुकी थी, जिसकी वजह से मीना की
Submitted on 20 Apr, 2020 at 05:29 AM
एक एक जरूरी कागज ढूंढ़ते ही छबि के हाथों बहुत से गिप्ट, फोटो, कैसेट, आदि लग जाता है
Submitted on 20 Apr, 2020 at 05:25 AM
कहने लगे मैं अपने बेटे के लिए इतनी बिरासत बनाई ,एक एक कौड़ी बचाकर उसके भविष्य को बनाया थ
Submitted on 25 Feb, 2020 at 00:41 AM
बेटा मुझे माफ़ कर दे ।बेवजह उस दिन मैंने ही राधा को मारने के लिए तुझे बहकाया था।देवी जैस
Submitted on 24 Feb, 2020 at 08:35 AM