तोड़ दो बंधन
तोड़ दो बंधन
तोड़ के सारे कुंठित बंधन
आजाद हो जाने दो अपना मन
स्वतंत्रता है अधिकार हमारा
गुलामी में ना झुके सर हमारा
हम सब हैं पंछी आज़ाद
सदा रहे हम यूँ हीं आबाद
स्वतंत्रता है अधिकार हमारा
गुलामी में ना झुके सर हमारा
तोड़ दिए है बंधन मैंने
भुला दिए सब अड़चन मैंने
स्वतंत्रता है अधिकार हमारा
गुलामी में ना झुके सर हमारा
रोक सके ना बंधन कोई
बांध सके ना बाधा कोई
स्वतंत्रता है अधिकार हमारा
गुलामी मैं ना झुके सर हमारा।