न मानो हार
न मानो हार
न मानो हार
वक़्त कितना ही कठिन
परिस्थितियाँ भी हो अगर विषम
न हो कोई तुम्हारे साथ
न मानना तब भी हार
तुम्हारी कर्मठता ईमानदारी और लगन
बनकर तुम्हारे सच्चे साथी
दिखाएंगे सदा राह सफलता की
जो न दे रहे आज तुम्हारा साथ
पछताएंगे ख़ुद एक दिन
जब लक्ष्य पर पहुँचोगे तुम
उठाओ क़लम अपनी और
लिखो सफलता की अपनी कहानी
तुम ख़ुद मंज़िल को पाकर
करोगे रोशन हर उस राह को जो
ईमानदारी और सच्चाई से भरी होंगी
तो न मानना कभी भी हार
जीत कर रही है इंतज़ार तुम्हारा
न छोड़ना इंसानियत और मानवता का हाथ ।