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Jisha Rajesh

Abstract

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Jisha Rajesh

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रुको, सोचो, आगे बढ़ो

रुको, सोचो, आगे बढ़ो

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यह धरती है मां हमारी

इससे ही है जीवन हमारा

कर्म कुछ करने से पहले

रुको, सोचो, आगे बढ़ो


धरती के कल्याण पर ही

निर्भर है जीवन हमारा

कर्म कुछ करने से पहले

रुको, सोचो, आगे बढ़ो


अगर रही ना यह धरती

हम भी बचना पाएंगे

कर्म कुछ करने से पहले

रुको, सोचो, आगे बढ़ो


मनुष्य के कर्म ही हैं

जो उसका भविष्य बनाते हैं

कर्म कुछ करने से पहले

रुको, सोचो, आगे बढ़ो।


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