सम्यक राह
सम्यक राह
सम्यक जीवन की है राह निराली
बुरा न देखो, न सुनो, न कहो सहेली
मिलता मन को सुकून निरंतर
लेती है यह जीवन की पीड़ा हर।
देखते हम हैं जो दुराचार चारों ओर
वही बैठ जाता है मन में बन कर चोर
सत्य के पथ पर रखो दृष्टि, सहेली
बुरा न देखो, न सुनो, न कहो सहेली।
जो बाते पड़ती हैं कर्णपटल पर
प्रभाव उनका पड़ता है चरित्र पर
सुनो केवल सत्य वचन, सहेली
बुरा न देखो, न सुनो, न कहो सहेली।
वाणी है वो अद्भुत सशक्त शस्त्र
जो बना सकती है शत्रु को मित्र
सत्य वचन ही कहो, सहेली
बुरा न देखो, न सुनो, न कहो सहेली