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Jisha Rajesh

Abstract

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Jisha Rajesh

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बूढ़ा भिखारी

बूढ़ा भिखारी

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आंखों में आंसू है उसके

चेहरे पर मुस्कान न्यारी है

यही है पहचान उसकी

वह बूढ़ा भिखारी है।


कल की चिंता है उसे सताती

भूख, लाचारी है उसे रुलाती

यही पहचान है उसकी

वह बूढ़ा भिखारी है।


याचना को हाथ है बढ़ाता

हर पल करूण गुहार लगाता

यही पहचान है उसकी

वह बूढ़ा भिखारी है।


किस्मत का वह मारा है

उससे सबने किया किनारा है

यही पहचान है उसकी

वह बूढ़ा भिखारी है।


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