STORYMIRROR

Jisha Rajesh

Abstract

3  

Jisha Rajesh

Abstract

प्यार की भाषा

प्यार की भाषा

1 min
11.7K

शब्द नहीं है कोई इसमें

यह है एहसासों की भाषा

बेज़ुबान भी जो बोल पाए

यह तो है प्यार की भाषा


जाने क्यों यह प्यार की भाषा

इंसान कभी ना समझ पाए

जीव जंतु हो कोई सा भी

सब हैं इसको समझ पाए


मूक प्राणी भी जो है बोलता

एहसासों को शब्दों में पिरोता

यही है इस भाषा की खासियत

है इसीलिए यह प्यार की भाषा


यूं तो भाषाएं है अनगिनत

पर इस भाषा का स्थान निराला

बेजुबान भी जो है बोल पाए

यही तो है प्यार की भाषा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract