रहस्य रहस्य ही होता है
रहस्य रहस्य ही होता है
जीवन में
कुछ ऐसा करें ही नहीं कि
जिसे रहस्य बनाकर रखने की आवश्यकता पड़े
कोई बात कभी भी
एक रहस्य नहीं हो सकती गर
वह खुद के अलावा किसी दूसरे को पता हो
उस दूसरे को हम कितना भी कहे कि
उस बात को किसी को बताये नहीं
उसे छिपाये रखे
किसी को उजागर न करे पर
यह कभी संभव है कि
वह बात फिर आगे
एक आग की तरह ही फैले नहीं
यह तो मनुष्य की प्रकृति है कि
वह अपने तक किसी बात को
छिपा कर या
अपने दिल की तहों में दबाकर नहीं
रख सकता
अधिकतर के तो पेट में दर्द होने लगता
है जब तक कि वह किसी भी बात को
सारे में बता न लें
उसे हर जगह गा न लें
बिना बात का एक बतंगड़
बना न दें
बात तो कई बार कुछ खास होती ही
नहीं लेकिन
एक बार वह कहीं छिड़ जाये तो
फिर जो बात बनती है
वह तो वह बात होती ही नहीं
किसी भी बात को
ऐसे तरोड़ मरोड़ के
नमक मिर्च मसाला छिड़ककर
परोसा जाता है कि
बात का अर्थ ही बदल दिया
जाता है
कोई बात सामने आ भी
जाये
किसी रहस्य से कभी पर्दाफाश
हो भी जाये
वह बिना तथ्यों के
जरूरी नहीं कि सत्य ही हो
इसीलिये कभी कोई रहस्य
दुनिया के सामने उजागर हो
जायेगा
किसी का भंडाफोड़ हो जायेगा
इससे बहुत अधिक चिंतित
नहीं होना चाहिए
बात जो खुलकर
सामने आ भी जाये
और सत्य गर हो भी
और इससे होता हो किसी का
नुकसान तो
मोड़ दे फिर उसकी दिशा
किसी को फिर कहां
क्या पता है
कि क्या सच है या
क्या झूठ है
रहस्य रहस्य ही होता है
खुला हो
अधखुला हो
उजागर हो या
हो दबा।
