एक गुलाब सी गुलाबी
एक गुलाब सी गुलाबी
तेरे चेहरे की
रंगत
एक गुलाब सी गुलाबी
तेरे लबों की प्यास
बना दे हर किसी को शराबी
तेरी आंखों के नूर से
वफा झलकती है
तू दिन में फूलों के
बागों में और
रात को ख्वाबों में मिलती है
तेरी हर अदा निराली है
तेरी सूरत बड़ी दिलकश और मतवाली है
तेरी चाल एक गुलाबी कलियों की
लचकती डाली
तेरा बदन एक महकते फूलों का गुलिस्तान
जिसकी हर क्यारी में
गुलाबी परतों की
बिछी जाली है
तेरे दो नयन भी गुलाब हैं
तेरे होंठ भी मय के दो गुलाबी
प्याले हैं
तेरी मोहब्बत की कहानी
का हर लफ्ज गुलाबी है
तेरी सुंदरता का
हर जलवा महकता हुआ
एक शोले की लपटों सा
गुलाबी है
तू है एक झीनी गुलाब की
कोई रस बरसाती चिलमन
तेरे बदन का
पुर्जा पुर्जा
हर अंग
हर रंग
शराबी है
लुभावना है
गुलाबी है।