भगवान बिरसा मुंडा
भगवान बिरसा मुंडा
आजादी का था वो,बहुत मतवाला
बिरसा मुंडा था,कितना भोलाभाला
अंग्रेजो की बंदूक,तोपों के सामने से
भीड़ गया था,अकेला तीर कमान से
बिरसा मुंडा था,कितना हिम्मतवाला
आदिवासियों का मसीहा था,तू आला
आदिवासियों के लिये,किया उजाला
बिरसा था,क्रांतिकारी पर्वत हिमाला
15 नवंबर को मना रहे,हम हिंदुस्तानी
जनजातिय गौरव दिवस गौरववाला
बिरसा मुंडा था,कितना हिम्मतवाला
कम वक्त मे,अंग्रेजो को था,झुका डाला
टंट्या भील,शंकर शाह,रघुनाथ शाह,
आदि ने रौद्र रूप धरा,था,विकराला
अंग्रेजों को पिला दिया,पानी काला
आदिवासी थे,वीरता परिभाषा आला
राणा पुंजा,झलकारी,भीमा आदि ने
क्या खूब गाड़ा मातृभूमि प्रति भाला?
कुछ गद्दारों का उसवक्त भी था,बोलबाला
जिन्होंने 500 रु में ईमान था,बेच डाला
बिरसा पकड़ मे आ गया,हिम्मतवाला
जेल हुई कम उम्र में जिस्म त्याग डाला
पर शहीद होने से पहले बिरसा मुंडा ने
क्या खूब लेकर आया,भयंकर भूचाला?
अंग्रेजो के मुँह पर लगाया था,ताला
बिरसा मुंडा था,कितना हिम्मतवाला
आदिवासियों के लिये जिया और मरा
भारती को शत्रु की पहनाई मुंड माला
बिरसा ने,आंदोलन चलाया उलगुलान
अंग्रेजों की छीन ली,चेहरे की मुस्कान
आदिवासी कहते थे,उन्हें धरती बाबा
वो कहलाये,आदिवासियों के भगवान
बिरसा था,माटी का अद्भुत रखवाला
पर खा गया मात गद्दारी से,वो भाला
वर्तमान मे यह सीख ले,हम आला
बच न पाये कोई माटी गद्दार साला
कहीं फिर से न खो दे,बिरसा सरीखा
माटी पर मर मिटनेवाला,पूत निराला
आओ गद्दारो को दे,हम देशनिकाला
इतिहास भूलों से सीख ले,हम आला
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"