आत्मकथा लिखना छोड़ वो भूपेन दा को संदेशा भिजवाए और बहने से साफ मुकर जाए। आत्मकथा लिखना छोड़ वो भूपेन दा को संदेशा भिजवाए और बहने से साफ मुकर जाए।
नैन कुछ नहीं कहते मूक हूँ , तुम्हारी दृष्टि से ओझल नैन कुछ नहीं कहते मूक हूँ , तुम्हारी दृष्टि से ओझल
बेजुबान भी जो है बोल पाए यही तो है प्यार की भाषा। बेजुबान भी जो है बोल पाए यही तो है प्यार की भाषा।
घास का बोझा उठाये, पग पग चलती जाती। उत्तर देती समाज द्वारा उठाये प्रश्नों का। घास का बोझा उठाये, पग पग चलती जाती। उत्तर देती समाज द्वारा उठाये प्रश्नों का...
सच बताना तुम मूक से बैठे मेरे आचरण से निस्तब्ध कुछ कहते हो ना सच बताना तुम मूक से बैठे मेरे आचरण से निस्तब्ध कुछ कहते हो ना