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Dr Jogender Singh(jogi)

Inspirational

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Dr Jogender Singh(jogi)

Inspirational

बली

बली

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घास का बोझा उठाये,  पग पग चलती जाती।

उत्तर देती समाज द्वारा उठाये प्रश्नों का।

एक मूक जवाब , जो सब लोग नहीं समझते।

कुछ समझ जाते , पर समझना नहीं चाहते।

घास का गट्ठर , प्रतीक चिन्ह उन अनगिनत ज़िम्मेदारियों का,

गट्ठर के तिनकों सा , जिनको गिनना असम्भव प्रतीत होता।

उन्ही असंख्य ज़िम्मेदारियों को निभाती , पग पग चलती औरत।

बिना किसी अवकाश के, लट्टू सी घूमती ।

बुजुर्गों की सेवा, बच्चों के काम , पति का ध्यान।

बेनागा हर पल ,मानो तिनके गिनती औरत।

कोई तिनका छूट न जाये , पक्का करती औरत।

धरती का भार उठाये , शेषनाग रूपी औरत।

मूक ! अतुल बलशाली औरत।


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