Depanshi Mittal

Inspirational

5.0  

Depanshi Mittal

Inspirational

क्योंकि ये आज की नारी है

क्योंकि ये आज की नारी है

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अब वो ना एक घर मे सिमट कर

रह जाने वाली है

अपने पैरों पर खड़ा होने का जुनून है उसमें,

क्योंकि ये आज की नारी है।


अपने सपनों को फूलों सा महकता

रखने वाली माली है

अब घुटने नहीं देगी

अपनी उम्मींदो का गला कभी,

क्योंकि ये आज की नारी है।


ठोस रिवाजों की नहीं

दिल की आवाज़ सुनने वाली है

कमरे की क़ैद से आज़ाद है,

क्योंकि ये आज की नारी है।


दूसरो के लिए जीती थी जो वो

अब खुद के लिए जीने वाली है

खुद को खुश रखना है उसे अब,

क्योंकि ये आज की नारी है।


उमीदो के पंखो से वो

अब शिखर छू जाने वाली है

पुरानी बेड़ियों से आज़ाद हो चुकी वो,

क्योंकि ये आज की नारी है।


अब झुकने नहीं देगी अपने ओहदे को कभी

अपनी जिन्दगी को अपनी शर्तो पर जीयेगी वो,

कल तक थी जो शाम सी बुझी,

अब सूरज बनकर चमकेगी वो।


अब सूरज बनकर चमकेगी वो

आज एक नारी सब पर भारी है,

क्योंकि ये आज की नारी है।।


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