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Depanshi Mittal

Tragedy

5.0  

Depanshi Mittal

Tragedy

यादें

यादें

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अतीत की बातें थी जो बीत गयी,

वो कागज़ सी यादें बारिश में भीग गयीं,


मुलाकातों का ज़िक्र खुद से आज भी करता हूँ,

पर हार गया हूँ अब प्यार से नफरत जीत गयी।


सोचा था अब कभी उन ज़ख्मों को हरा नहीं करूँगा,

सब कुछ है मेरे पास बस प्यार की कमी पड़ गयी।


आँखें जवाब नहीं देती, अब जैसे आँखो में अब नमी पड़ गयी,

दिल का सुकून आज भी उसी के साथ से मिलता है,


पर जाने क्यूँ कुछ मन मुटावों की वजह से ये दूरी बढ़ गयी।

पर जाने क्यूँ कुछ मन मुटावों की वजह से ये दूरी बढ़ गयी।


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