बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी
एक पल में ही मिल जाती थी जो खुशी। पाने में अब महीने लगे आजकल। एक पल में ही मिल जाती थी जो खुशी। पाने में अब महीने लगे आजकल।
था जलाना तो तेरा तासीर ऐ इश्क़ आग तुझको मेरे दिल से हे परदा -दारी क्या करूं था जलाना तो तेरा तासीर ऐ इश्क़ आग तुझको मेरे दिल से हे परदा -दारी क्या करूं
वक्त, ऐतबार और इज़्ज़त, जो एक बार उड़ जाये तो वापस नहीं आते वक्त, ऐतबार और इज़्ज़त, जो एक बार उड़ जाये तो वापस नहीं आते
गुजारा पल करीब जिनके वो इतने भी मगरूर है। गुजारा पल करीब जिनके वो इतने भी मगरूर है।