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अनसुनी पुकार याद करते करते उन्हें भूले भी हैं। अनसुनी पुकार याद करते करते उन्हें भूले भी हैं।
बस वो किस्से हैं आज हिस्से रातों की गहराई और अल्फाज़ों की बुनाई अब कहें किस से यादों का ... बस वो किस्से हैं आज हिस्से रातों की गहराई और अल्फाज़ों की बुनाई अब कह...
सोचा था अब कभी उन ज़ख्मों को हरा नहीं करूँगा, सब कुछ है मेरे पास बस प्यार की कमी पड़ गयी। सोचा था अब कभी उन ज़ख्मों को हरा नहीं करूँगा, सब कुछ है मेरे पास बस प्यार की ...
अब सूरज बनकर चमकेगी वो आज एक नारी सब पर भारी है, क्योंकि ये आज की नारी है। अब सूरज बनकर चमकेगी वो आज एक नारी सब पर भारी है, क्योंकि ये आज की नारी है।