दूर नहीं तू
दूर नहीं तू
सूरज की रोशनी तू ।
चाँद की ठंडक भी तू !
मेरे हर ख़्वाब की हक़ीक़त,
हक़ीक़त का ख़्वाब भी तू।
हालात पर मेरे न आँसू बहाना —
जज़्बात पर तू अपने क़ाबू पाना।
मैं रो लूँगा तेरे हिस्से का भी,
यह राज पर किसी को न जताना।
रोशनी दूर है,तो दूर ही सही,
दिलासा मन का, कुछ चैन तो मिल जायेगा।
तू दूर नहीं, मेरे पास ही है
तेरा अहसास, तो मेरे पास ही है।