कैसी दीपावली
कैसी दीपावली
अस्पताल में भर्ती बूढ़ी बीवी की सेवा करते,
बाबूजी, थकी आँखों से गेट को निहारते,
सूनी आँखों के आंसू भी ख़त्म हो चले,
जज़्बात, मगर छलकते जाते ।।
लहू ही ठंडा पड़ गया जब अपना,
यह दर्द किसको, बतलाते ?
हाँ, आये थे बेटा / बहू दोनों, तुम सो रही थी ।
बुढ़िया का सिर सहलाते,
प्यारा सा यह, झूठ बतलाते ।
भारी मन से, भरी आँखों से,
एक / दूसरे का हाथ सहलाते,
यूँ दीवाली मनाते ।।