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Dr Jogender Singh(jogi)

Abstract

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Dr Jogender Singh(jogi)

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आखिरी जेवर

आखिरी जेवर

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टॉप्स की जोड़ी को, कांपती उंगलियों से सहला कर,

थकी आंखो में, कुछ उम्मीदें सजाकर।

रानी ने छोटी बहू की तरफ बढ़ाया,

हां, बेटा शादी में कुछ ऐसा कर देना,

टॉप्स, बिन्नी को मुंह दिखाई में दे देना।

जी मांजी कह, छोटी ने टॉप्स झपट लिए,

विनोद के सामने ले जा कर पटक दिए।

यह जेवर , हमारे हिस्से आएं है?

भाभी सब उड़ा ले गई,

बुढ़िया को हमारे हवाले कर गई।

तुम पहन कर टॉप्स, शादी में घूम आओ,

खजाने जो मिला है हमको

सबको उसकी कहानी बता आओ।

रानी सुबक रही थी,

एक ही निशानी बची थी, विनोद के पापा,

बहरी दीवारों से ना जाने क्या,क्या कह रही थी ?



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