हिन्द का सैनिक
हिन्द का सैनिक
उठो हिन्द के वीर जवानों
देश की माटी करे पुकार
रक्त तिलक तुम आज लगाकर
अरि दल का कर दो संहार।
रिश्ते नाते का मोह त्याग कर
निकल पड़ो छोड़ घर-बार
राष्ट्रभक्ति की धधकती ज्वाला से
से करो आज माँ का श्रृंगार।
हिमगिरि की विशाल चोटियाँ
तेरी हिम्मत के आगे बौनी हैं
फड़क उठी हैं आज भुजाएँ
जब बदला लेने की ठानी है।
खून आज उबाल मार रहा
अंग-अंग में साहस का हुआ संचार
भरत सपूतों की यह सेना
दुश्मन पर करेगी अचूक वार।
हिन्द का सैनिक, हिन्द का गौरव
दिया तूने सर्वस्व है वार
हे राष्ट्रप्रहरी ! हे राष्ट्र सपूत !
नमन करूँ तुझको शत बार।।