हे राष्ट्रप्रहरी ! हे राष्ट्र सपूत ! नमन करूँ तुझको शत बार। हे राष्ट्रप्रहरी ! हे राष्ट्र सपूत ! नमन करूँ तुझको शत बार।
जाय क्षितिज को चीर। जाय क्षितिज को चीर।
सुजला सुफला दीखती,बंजर औ बदरंग। सुजला सुफला दीखती,बंजर औ बदरंग।
क्या नारी हो? क्या अब भी गुलामी में रहती हो? उबल जाओ, उफ़न जाओ! तप्त बन जाओ...!! क्या नारी हो? क्या अब भी गुलामी में रहती हो? उबल जाओ, उफ़न जाओ! तप्त बन जाओ.....