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प्रीति प्रभा

Inspirational

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प्रीति प्रभा

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बदनाम

बदनाम

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किसी एक के नहीं सभी के हाथों से छला गया हूंँ

मैं तो समय हूंँ जो सदियों से बदनाम हुआ हूंँ


किसी नहीं हुआ मैं सदा ये सुनता रहता हूंँ

अच्छा बुरा जैसा गुज़रा सबको धोखा देता हूंँ


मेरी कोई यहाँ अपनी पहचान नहीं है

कौन रोया, हंँसा इसका तुझको भान नहीं है


जो लौट गया एक बार फिर लौटकर नहीं आता हूंँ

इतिहास को बदलने का साहस में रखता हूंँ


जिनको है पहचान समय की वो ही बनते महान है

सुखमय होता उनका जीवन पाते ख़ूब मान सम्मान है.


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