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प्रीति प्रभा

Tragedy

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प्रीति प्रभा

Tragedy

भूख क्या होती है

भूख क्या होती है

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जो सपनों में खोए रहते हैं

अक्सर लोग वही भूखे होते हैं

कोई उम्रभर की खुशबू में जीता है

कोई उम्रभर गरीबी की बदबू में जीता है


जो बचपन बेचकर कमाते हैं

बच्चे वहीं भूखे होते हैं

जो किस्मत के मारे होते हैं

कमज़ोर नहीं होते, बेचारे होते हैं


बाजारों में, किसी चौराहे पर

निकल आते हैं सड़कों पर

पेट के वास्ते दर - दर भटकते हैं

सोते नहीं पर सो जाते हैं

भूख के बदले भूख खाकर

बच्चे जो भूखे होते हैं


अमीर लोग जमीं पर नहीं होते

कार, बंगलों और हवाई जहाज में होते हैं

गरीब सिर्फ़ जमीं पर होते हैं

यहीं घिसता है यही मरता है

पेट जिनके भरे होते हैं

मस्त आलम तो वही जीते हैं

भूखे तो अक्सर गरीब होते हैं।


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