स्त्री
स्त्री
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स्त्री पे गर हो हमला नज़रे साफ चुरा लो
बूढ़ों का जब हो अपमान दिल पे ज़ोर ना डालो
जिसकी लाठी उसकी भैंस इस को मंत्र बना लो
जी हुजूरी में है ताक़त गधे को बाप बना लो
आज का काम नहीं ज़रूरी कल पर इसे टालो
धर्म का जब है झगड़ा ख़ुद को बीच में ना डालो
मुझ को वक़्त नहीं है तुम ही अपना देश संभालो
भेड़ की चाल चलने की तुम पक्की कसम खा लो.