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प्रीति प्रभा

Abstract

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प्रीति प्रभा

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हाइकु

हाइकु

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कपटी भाव

इंसान से बचना

आना चाहिए


अहंकार ना

पर स्वाभिमान तो

होना चाहिए


कौन है भला

जो संसार सत्य से

अनजान है


खुश हो सब

क्या है यह संभव

अनंत तक


दुःख के बिना

सुख का मोल कौन

भला ये जाने


प्रभु की माया

कलाकार कोई तो

कोई बेकार


दवा ना सही

हमदर्द बनना

आना चाहिए 


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