वीरानियां
वीरानियां


दिल बेचारा ग़म का मारा गुमशुदा रह जायेगा
मंज़िल हासिल ना होंगी रास्ता यहीं रह जायेगा
कौन अपना कौन पराया ये मुझे कब सिखाया
मेरा दिल दुखाया जिसने वो सोचता रह जायेगा
ज़िन्दगी से ना शिकवा अब रहा हम को
इस तकदीर से मुझे थोड़ा गिला रह जायेगा
दिल में बसे विरानियों में मोहब्बत के फूल
मेरे जीवन में तेरे आने से खिल जायेगा
कितने आए कितने मर मिटे इस जमीं पे
माटी में तन जा मिलेगा ख़ुदा बस रह जायेगा