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Suman Shashi

Inspirational

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Suman Shashi

Inspirational

जिन्दगी

जिन्दगी

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जिन्दगी

का कोई किस्सा सुनाते हैं ...?

बंद कमरो में रौनक लगाते हैं

मायूस सी जिंदगी सोई क्यूँ है ...?

चलो उसको सता के जगाते हैं !


सुनते है, जिंदगी चार दिन की

क्यूँ..? बोझ इसको बनाते हैं ,

जी ले हंस ले हर एक पल में

अगले पल की खबर से

सब हमको अनजान बनाते हैं !


यूँ धूप का खिलना

यूँ बादल का सिमटना

क्यूँ ..? दिन का आगाज़ बताते हैं

ढली शाम तो पंछी घरौंदों को

लौट आते हैं !

कि कोई किस्सा सुनाते हैं

बंद कमरो में रौनक लगाते हैं !! 


पानी का बुलबुला

हाथों में सजा के चले

सबकी नजरों से बचा चलाते हैं

थोडा़ सा दिखा के चलाते हैं !

उसको सताके जगाते हैं

कि कोई किस्सा सुनाते हैं !

बंद कमरे में रौनक लगाते है !!

  


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