अंधेरा (कोरोना काल में लिखी )
अंधेरा (कोरोना काल में लिखी )
एक बार फिर से यह अंधेरा,
जो छाया आसमान में,
प्रकाश में बदल जायेगा।
निराश मत होना कभी,
हौसला बनाएं रखना
वह वक्त भी नहीं रहा
यह समय भी बीत जायेगा।।
अंधेरों ही से पता चलता है उजालो का,
जहाँ नहीं अंधेरा ,
वहाँ उजाला भी ....
चमक नहीं पायेगा।
आज सुनसान हैं गलियाँ,
गलती यह इंसानों की।
अंधेरों को दी शह इंसानों ने,
नहीं समझ पाए चाल वक्त की।
अंधेरों को मात देकर ,
सब कुछ पहले जैसा हो जायेगा।
फैलेगा जग में प्रकाश,
उजियारा फैल जायेगा।
