हमसफर
हमसफर
हमसफर मन का मीत,
हृदय की धड़कन है।
समझो तो सबकुछ, ना समझो तो
केवल भ्रम है।
सफर में जो चले संग,
वही हमसफर कहलाता है।
धूप में जो बन जाता छाँव,
वही हमसफर कहलाता है।
बिना कहे जो सुनता बात मन की,
वही हमसफर कहलाता है।
बिना चले जो समझे आहट कदमों की,
वही हमसफर कहलाता है।
सुंदरता को देखें बंद आँखों से,
वही हमसफर कहलाता है।
हमसफर की बातें होती सबसे निराली,
दिल में हों घाव चाहे करता बातें वह प्यारी।
होंठों पर जिसके मुसकान रहती है।
वही हमसफर कहलाता है।