विभिन्न रंगो से सजी होली
विभिन्न रंगो से सजी होली
अंधेरों में चिराग जलाकर देखो,
सबको रंगों से सजाकर देखो,
होली का त्योहार नहीं है केवल त्योहार;
हर धर्म का रंग इसमें मिलाकर देखो।
लाल, हरे, नीले, पीले रंगों का त्योहार है होली,
नई नई खुशियों और उमंगों की बौछार है होली,
रंग भरी दुनिया में सबको रंग लगाकर देखो;
हर धर्म का रंग इसमें मिलाकर देखो।
भूखों को भोजन खिलाओ सबको पास बुलाओ अपने,
छोटा बड़ा धनी निर्धन सभी के सजाओ सपने,
इस रंग भरी दुनिया मे सबको रंग लगाकर देखो;
हर धर्म का रंग इसमें मिलाकर देखो।
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सबको गले लगाओ,
केसरिया, सफेद ,हरे रंग से हर घर को सजाओ,
ऊचँ -नीच ,जात- पात मिटाकर देखो;
हर धर्म का रंग इसमें मिलाकर देखो।
होली ने भक्त प्रहलाद की स्मृति हमें करा दी है,
अन्याय पर होती न्याय की जीत यह बात हमें समझा दी है,
अपने हाथों से सबको गुजिया खिलाकर देखो;
हर धर्म का रंग इसमें मिलाकर देखो।
मन में नहीं छल कपट हो ऊँचा बहुत मनोबल हो,
अंतरमन स्वच्छ हो गंगाजल जैसा पावन हो,
प्रेम , त्याग और अटूट विश्वास सबमें जगाकर देखो;
हर धर्म का रंग इसमें मिलाकर देखो।