बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
पहले लोग थे रिश्ते थे
जमाने भर की बातें थी
बातों के जरिए हंसकर
ताना मारते थे समझाते थे
अब न लोग हैं और न रिश्ते हैं
बस सुविचार और स्टेटस के जरिए
यह काम निपटा लेते हैं
अकेले ही रिश्ते निभा लेते हैं।
