चांद और तारा
चांद और तारा
क्या अद्भुत नज़ारा था
चांद संग सितारा था
कुदरती करिश्मे को भी
सबने अलग पुकारा था
किसी को रमज़ान दिखा
किसी को राम प्यारा था
मेरी आंखों का एक दोष
दीदार बस तुम्हारा था
वो चन्द्रमा का दर्श था
या ठंडा स्पर्श तुम्हारा था
कहीं मजनूं रोया दूरी देख
जिसे बांहों का सहारा था
प्यासा चकोर रोया रात भर
मोहब्बत थी बेचारा था
इश्क़ और जुनून मत पूछो
बावफ़ा भी वफ़ा का मारा था