चीरहरण
चीरहरण
मुंह में राम बगल में छुरी ये कैसा व्यापार
अपने हैं अपनत्व नहीं झूठ के मुखौटे हज़ार
पल पल बदलती कहानी बदलते क़िरदार
वो इश्क आज कहां बस हो रहा है बलात्कार
सब रोए झूठी नायिका ने जब बहाए आंसू चार
नायक सत्य का हुआ चीरहरण कौन सुने चीत्कार
नाम धाम रोशनी मोह माया का बंधन सब बेकार
रिस्ते रिश्तों को संभालो रोए दिल करे पुकार
